शिक्षक ने करी हदे पार , छात्रा से पूछ लिया यह सवाल की हो जाये शर्मसार , छात्राओं के परिवार आक्रोश में , मिर्ज़ापुर की घटना 

शिक्षक ने करी हदे पार , छात्रा से पूछ लिया यह सवाल की हो जाये शर्मसार , छात्राओं के परिवार आक्रोश में , मिर्ज़ापुर की घटना

 

मिर्जापुर के लालगंज तहसील के नैडी कठारी गाँव थाना लालगंज स्थित एक स्कूल में शिक्षा के पवित्र स्थल को शर्मसार करने वाली एक घिनौनी घटना सामने आई है। विद्यालय के हेड मास्टर पवन द्वारा नाबालिग छात्राओं से किए गए अश्लील और बेहूदा सवालों ने पूरे गाँव और सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया है। मास्टर साहब ने बच्चियों से ऐसे सवाल पूछे जिनका किसी भी रूप में शिक्षा से कोई सरोकार नहीं है, बल्कि उनकी असभ्यता और मानसिक विकृति को दर्शाते हैं।

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वीडियो के वायरल होने के बाद खुलासा हुआ कि हेड मास्टर ने छात्राओं से पूछा, “तुम्हारे मम्मी-पापा बच्चे कैसे पैदा करते हैं?” और “भैंस कैसे प्रजनन करती है?” इसके साथ ही उन्होंने निजी सवाल भी किए, जैसे “तुम कौन सा क्रीम लगाती हो?” और “तुम कौन सा कपड़ा अंदर पहनती हो?” ऐसे प्रश्न न केवल अश्लील हैं, बल्कि बच्चों की मासूमियत और मानसिक सुरक्षा के खिलाफ भी हैं।

ग्रामीणों से माफ़ी मांगते शिक्षक

 

गाँव में उबालः आक्रोश और विरोध प्रदर्शन

जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो गाँव में हड़कंप मच गया। सैकड़ों ग्रामीण स्कूल के बाहर इकट्ठा हो गए और बच्चों के माता-पिता ने भी वहाँ पहुँचकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि हेड मास्टर पवन ने शिक्षा के मंदिर को कलंकित किया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

 

शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान

 

इस घटना ने न केवल हेड मास्टर की नैतिकता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की कमियों को भी उजागर किया है। जिस व्यक्ति पर बच्चों के भविष्य और चरित्र निर्माण की जिम्मेदारी है, उसने अपने कर्तव्यों का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए बच्चों को मानसिक रूप से आघात पहुँचाया है।

जिनसे पूछा गया था अश्लीलता वाली सवाल

 

अधिकारियों ने मामले की जाँच शुरू कर दी है, और ग्रामीणों की मांग है कि हेड मास्टर के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हो सकें।

 

 

शिक्षा का मंदिर, जहाँ बच्चों को ज्ञान और नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है, वहां पर ऐसी अश्लीलता और विकृति समाज के लिए एक चेतावनी है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई और शिक्षक चयन प्रक्रिया में सुधार आवश्यक है ताकि बच्चों को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण में शिक्षा प्रदान की जा सके।

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