अतिक से ताल्लुकात रखने वाले माफिया का खौफ: बड़ा आरोप – कटरा कोतवाली के सह पर लूटा गया घर, DM और SP ने भी अनसुनी की शिकायत

अतिक से ताल्लुकात रखने वाले माफिया का खौफ: बड़ा आरोप – कटरा कोतवाली के सह पर लूटा गया घर, DM और SP ने भी अनसुनी की शिकायत

 

 

मिर्जापुर में एनआईए के गवाह ने बताया मेरा घर लूट लिया गया।अधिकारियों से सुरक्षा का फरियाद लगता रहा । पर हर दर से फरियाद अनसुनी हो गई और 10 सितंबर को खबर आती है कि मेरा घर लूट लिया गया!!

मिर्जापुर में मृतक माफिया अतीक से जुड़े एक सक्स के आतंक का खौफ देखने को मिल रहा है। मिर्जापुर के कोतवाली कटरा इलाके में माफिया जावेद अहमद खां के आतंक का फिर से एक चर्चा है, पीड़ित फरियादी लगा चुके हैं तमाम सक्षम अधिकारियों के पास । एनआईए के गवाह शेख खुर्शीद और उनके परिवार ने हाल ही में सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन उनकी आवाज़ को प्रशासन ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया।

 

मिर्जापुर के कटरा कोतवाली के पीछे छोटा मिर्जापुर इलाके में एक आरोपी जावेद खां पर माफिया गिरी का गंभीर आरोप का मामला सामने आया है, जहाँ 2014के बम ब्लास्ट मामले के एनआईए के गवाह शेख खुर्शीद के घर को माफिया के गुर्गों ने लूट लिया है। यह घटना तब घटी जब शेख खुर्शीद अपने परिवार के साथ लगातार हो रहे जानलेवा हमलों से तंग आकर मिर्जापुर छोड़ चुके थे। जिससे अपराधियों को खुला संरक्षण मिला।

आइए बताते हैं कि क्या है पूरा घटना का मामला

एनआईए के गवाह पर जानलेवा हमला किया , माफिया जावेद पर पूरे परिवार को बम से उड़ा देने का लगा था आरोप

मिर्जापुर, 19 जुलाई 2024 — जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में एक खबर ने पूरे जिले में सनसनी फैला दिया जब एनआईए प्रकरण के गवाह शेख खुर्शीद का पूरा परिवार धरना पर बैठ गया और बड़े-बड़े बैनर लगाकर अपना घर बेचने, बम से ब्लास्ट करने की धमकी से अपने पूरे परिवार को बचाने का गुहार लगाने लगा, कटरा कोतवाली प्रशासन से मदद न मिलने पर मजबूर हो के धरना पर जा बैठे तो इस खबर ने पूरे जिले में सनसनी फैला दिया था। जहां अधिकारी आए मामले को संज्ञान लिया पर मामले के संज्ञान लेने के बाद कोई ठोस सख्त कार्यवाही नहीं हुई और लास्ट में थक हार कर पीड़ित परिवार पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं। जावेद अहमद खां, जो अतीक अहमद के गिरोह से ताल्लुक रखता है और एक कुख्यात माफिया के रूप में जाना जाता है, पर आरोप है कि उसने खुर्शीद और उनके परिवार पर बार-बार जानलेवा हमले कराए। इन हमलों के बाद पीड़ित ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से कई बार सुरक्षा की गुहार लगाई है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और पुलिस की कथित मिलीभगत से मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया।

पुलिस के नाक के नीचे चोरी संरक्षण या चूक

मिर्जापुर शहर के छोटा मिर्जापुर क्षेत्र में अजीबो गरीब चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एनआईए के गवाह शेख खुर्शीद के घर को विपक्षियों ने पूरी तरह से लूट लिया, और यह लूट कटरा कोतवाली के अधिकारियों के सहयोग से की गई है। शेख खुर्शीद का आरोप है कि प्रशासन की अनदेखी और आपराधिक गठजोड़ के चलते उनके घर की सुरक्षा नहीं की गई, और उनके लिए वर्दी और अपराधियों के गठजोड़ के समागम का माजरा का तमाशा उन्हीं के घर को लूट के बाद देखने को मिला।

शेख खुर्शीद का पलायन और घर की लूट:

शेख खुर्शीद, जो एक एनआईए गवाह , को अपने परिवार के साथ जान का खतरा महसूस होने के बाद मिर्जापुर छोड़कर इलाहाबाद में शरण लेनी पड़ी। बावजूद इसके, 10 सितंबर 2024 को उनके घर को लूट लिया गया। यह घटना तब हुई जब वे मिर्जापुर में नहीं थे। आरोप है कि स्थानीय प्रशासन की मदद से ये अपराध हुआ, जिसने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की और अपराधियों को खुलेआम कार्य करने का लाइसेंस दे दिया।

 

शिकायतों की अनदेखी:

शेख खुर्शीद ने कई बार स्थानीय थाना कोतवाली कटरा और जिलाधिकारी कार्यालय में अपनी शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। 18 और 20 जुलाई को उनके घर पर हमले हुए, लेकिन पुलिस ने न केवल उनकी शिकायतों को अनसुना किया, बल्कि उन्हें परेशान भी किया।

माफिया जावेद का काला इतिहास

 

जावेद अहमद खां पर दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें हत्या, लूटपाट, वसूली और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जावेद खां हर महीने कोतवाली कटरा पुलिस को अवैध धंधों से लाखों रुपए पहुंचाता है, जिसके कारण उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। यह भी कहा जा रहा है कि हर महीने इस माफिया के खिलाफ 10 से अधिक शिकायतें दर्ज होती हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के चलते इन शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाता।

 

पटना बम ब्लास्ट मामले में गवाह और माफिया के निशाने पर

शेख खुर्शीद, दिवंगत वायु सेनाधिकारी शेख अब्दुल रशीद के पुत्र हैं और 2014 में पटना सीरियल बम ब्लास्ट मामले में एनआईए के गवाह बने थे। इसी कारण से जावेद अहमद खां और उसके गुर्गों ने खुर्शीद और उनके परिवार को निशाना बनाना शुरू किया। क्षेत्रीय जनता के बीच यह भी चर्चा है कि जावेद खां के मृतक माफिया अतीक अहमद से भी संबंध थे। खुर्शीद के अनुसार, जावेद और उसके गुर्गे क्षेत्र में आतंक फैलाने के लिए हिंसा, धमकी और झूठे मुकदमों का सहारा लेते हैं।

 

हमलों की बाढ़: परिवार पर जानलेवा हमले और पलायन की मजबूरी

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ताजा हमला 18 जुलाई 2024 को हुआ, जब जावेद खां और उसके साथियों ने शेख खुर्शीद के घर पर धावा बोला। हमलावरों ने न केवल गाली-गलौच की बल्कि बम से उड़ा देने की धमकी दी और महिलाओं के साथ बदसलूकी की। पुलिस को सूचना देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, शेख खुर्शीद और उनके परिवार ने मजबूरन पलायन कर इलाहाबाद में शरण ली। इससे पहले भी, जावेद खां के गुर्गों ने खुर्शीद और उनके बेटे पर हमला किया था, लेकिन पुलिस ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया।

 

पुलिस की निष्क्रियता और माफिया का संरक्षण

 

कटरा थाने में जावेद खां के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें एक मामला 3412/2017 के तहत भी दर्ज है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने जावेद खां के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन वह पिछले सात वर्षों से फरार था। इसके बावजूद, वह मिर्जापुर में खुलेआम कटरा कोतवाली के पुलिस संरक्षण की वजह से घूम रहा है था और अवैध वेंडरिंग, जहरखुरानी, और बाहरी महिलाओं के गैंग के जरिए क्षेत्र में लूटपाट और ब्लैकमेलिंग के कार्यों में संलिप्त है। जहां भ्रष्ट पुलिस प्रशासन की वजह से ईमानदार पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता ने जावेद खां के हौसले बुलंद कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, कटरा थाने के कुछ अधिकारियों को हर महीने जावेद खां द्वारा अवैध रूप से अर्जित धनराशि पहुंचाई जाती है, जिसके चलते उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। *”जाको राखे साईयां, मार सके ना कोय”* की तर्ज पर जावेद पुलिस के संरक्षण में कानून से बचता फिर रहा है।

 

आरोपों की पुष्टि: माफिया का राजनीतिक संरक्षण?

 

विश्वसनीय सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि जावेद खां का राजनीतिक रसूख भी उसे बचाए रखने में मददगार है। स्थानीय नेताओं और पुलिस के बीच उसकी गहरी सांठगांठ है, जिसके चलते उसके अपराधों पर पर्दा डाला जाता है। *”ऊंची दुकान, फीका पकवान”* वाली स्थिति यहां सटीक बैठती है, जहां प्रशासन भ्रष्टाचार की दलदल में फंसा हुआ है और आम नागरिक न्याय की उम्मीद में दर-दर भटक रहा है। जिसका परिणाम यह रहा कि खुद खुर्शीद को कहना पड़ा कि मेरा घर लूट मिला।

 

शेख खुर्शीद की मांग: सुरक्षा और न्याय की गुहार

 

शेख खुर्शीद ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि उन्हें और उनके परिवार को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान की जाए। साथ ही, जावेद खां और उसके साथियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि उनके आतंक का अंत हो सके। उन्होंने प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं कि आखिर कब तक अपराधियों को खुला संरक्षण मिलता रहेगा और पीड़ित परिवार न्याय के लिए भटकते रहेंगे।

 

प्रशासन की ज़िम्मेदारी: क्या होगी कोई ठोस कार्रवाई?

 

मिर्जापुर के प्रशासन पर इस समय बड़ी जिम्मेदारी है कि वह जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करे और कानून व्यवस्था को बहाल करे। शेख खुर्शीद का मामला यह साबित करता है कि प्रशासन की निष्क्रियता ने माफिया तत्वों को खुली छूट दे रखी है। *”जब राजा ही सो रहा हो, तो चोर की मौज है”*यही स्थिति आज मिर्जापुर में बनी हुई है। अब देखना यह है कि प्रशासन अपने जीरो करप्शन के दावे पर खरा उतरता है या फिर माफिया राज का दबदबा यूं ही बना रहेगा।

 

मुख्य आरोपियों के नाम शिकायत का प्रारूप

पूर्व में दिए गए घटना के जानकारी के बाद भी कटरा कोतवाली प्रशासन ने मुकदमा नहीं लिखा, तो मनबढ़ आरोपियों के द्वारा पीड़ित के घर में डकैती डाल दी गई और सारा सामान लूट के ले गए, जिसकी शिकायत स्थानीय कटरा कोतवाली में की गई तो उन्होंने पीड़ित को भगा दिया, जिससे दुखी होकर पीड़ित पक्ष हर उस चौखट तक गया जहां से न्याय मिलने की उम्मीद दिखी पर

जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी शेख खुर्शीद की शिकायतों को अनदेखा किया। 29 जुलाई को दिए गए ज्ञापन और शिकायतों के बावजूद, प्रशासन ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। यह स्थिति दर्शाती है कि मिर्जापुर में प्रशासनिक भ्रष्टाचार और लापरवाही का गंभीर संकट है, जिसने अपराधियों को बिना डर के अपराध करने की छूट दी है।

 

 

 

शिकायतकर्ता ने न्याय के लिए ऊपर तक लगाई है गुहार जहां :-

1. मा० मुख्यमंत्री, लखनऊ उत्तर प्रदेश।

2. मा० मुख्य सचिव, लखनऊ उत्तर प्रदेश।

3 श्रीमान् जिलाधिकारी महोदया, मिर्जापुर।

4श्रीमान् पुलिस अधीक्षक महोदय को प्रेषित प्रतिलिपियां है।

विषयः- प्रार्थी के सपरिवार (जान बचाने हेतु) पलायन करने पर विपक्षीगण द्वारा प्रार्थी के घर में घुसकर पूरे मकान को लूट ले जाने के सम्बन्ध में

प्रार्थना पत्र द्वाराः-शेख खुर्शीद पुत्र दिं० शेख अब्दुल रशीद निवासी-छोटा मिर्जापुर, थाना-को० कटरा, जिला-मिर्जापुर। मो०नं0-9919737053

बनाम

1. हिस्ट्रीशीटर जावेद अहमद खां पुत्र दिं० अशफाक खां।2. इमरान खां पुत्र जुही (माता) भान्जा जावेद अहमद खां ।3. रमज़ान आतिशबाज पुत्र श्री जमील अहमद,4. अबरार आतिशबाज पुत्र रब्बानी उर्फ बांनी आतिशबाज,5. शेरू आतिशबाज पुत्र मु० वहीद उर्फ लल्लन आतिशबाज,6. छांगुर आतिशबाज पुत्र बीरन आतिशबाज समस्त निवासीगण छोटा मिर्जापुर, थाना-को० कटरा, जिला-मिर्जापुर।

जावेद खां का आतंक, उसकी कुछ भ्रष्टपुलिस से मिलीभगत और प्रशासन की उदासीनता मिर्जापुर को कही एक खतरनाक मोड़ पर ना खड़ा कर दे। अगर समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में मिर्जापुर में कानून और न्याय का मजाक बन जाएगा।

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