अघोराचार्य बाबा कीनाराम कौन है ? क्या है बाबा कीनाराम की महिमा ? क्यो उमड़ती है लाखों की भीड़ ..
बाबा कीनाराम कौन है ? इनका जन्म कब हुआ था ? इनका उदेश्य क्या था ? इनकी मृत्यु कब और कहा हुई थी ?
– बाबा कीनाराम एक अघोराचार्य है । अर्थात अघोर लोगो के आचार्य है।
– अघोराचार्य बाबा कीनाराम जी का जन्म चंदौली जनपद के रामगढ़ ग्राम में 1601 सन में हुआ था ।
– इनका उदेश्य लोगो की सेवा और समाज को सही दिशा दिखाना था ।
– इनकी मृत्यु 1769 सन में बनारस में हुई ।
तीन दिन चलता है बाबा कीनाराम जन्मोत्सव का कार्यक्रम
बाबा के दरबार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु उनका दर्शन करने दूर दूर से आते है । इनकी कहानी विश्व में विख्यात है । यहां तक की बाबा के दर्शन के लिए यूपी के सी एम योगी आदित्यनाथ भी श्रद्धालु बन कर आते है । देश के अलग अलग राज्यों से तपस्या में लीन साधू संत भी बाबा का दर्शन के लिए आते है ।
रामगढ़ के बाबा कीनाराम की क्या है महिमा की लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का होता है आगमन
बाबा कीनाराम के समय मुगल साम्राज्य का वर्चस्व था । उस वक्त बाबा जंगल में तपस्या में लीन थे और मुगल साम्राज्य के सैनिको ने बाबा को तपस्या से उठाने लगे लेकिन बाबा अपने तपस्या में लीन ही रहे । एक बार बाबा ने काशी नरेश के सामने दीवाल को पीछे हटने के लिए कहे थे तो दीवाल अपने आप पीछे हट गयी । बाबा कीनाराम की बनाई गोबर का कुँवा आज भी है । कुँवा का पानी गर्मी के मौसम में भी नहीं सुखता है और श्रद्धालु जब भी रामगढ़ आते है तो पहले बाबा के बनाये कुँवा से पानी निकाल कर अपने आप को शुद्ध कर के बाबा के दर्शन के लिए जाते है ।
बाबा कीनाराम के जन्मोत्सव में मेला का भी कार्यक्रम 3 दिन तक चलता है जिसमे हजारों की संख्या में रेहड़ी पटरी के दुकानदार अपने दुकान को लगाते है और 3 दिन में अच्छा खासा मुनाफा कमा कर घर जाते है । बाबा के मेले में झूला भी लोगो को आकर्षित करता है । माना जाता है की चंदौली जनपद का सबसे बड़ा मेला रामगढ़ का मेला है ।